स्कूल की खतरनाक इमारत की वजह से अध्यापको के साथ बच्चों में डर का माहौल कभी भी हो सकती है दुर्घटना!
वजीरपुर, राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय श्यारौली के कमरों की हालत दयनीय हो गयी है। ऐसे में बालकों के बैठने की व्यवस्था नहीं हो पा रही है । जिससे बालकों की सुचारू रूप से पढाई नही हो पाती है।विद्यालय में पेयजल की टंकी भी क्षतिग्रस्त होने के चलते प्लास्टिक की टंकी रखवाई गई है । जिसका पानी भी परिसर में फैलता नजर आता है । शाला प्रशासन व ग्राम पंचायत का इस और कोई ध्यान नही होने से बालकों व अध्यापकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है ।कई शाला में रिक्त चलने के कारण बालकों को परेशानी होती नजर आती है ।
विद्यालय के चार कमरे है क्षतिग्रस्त
श्यारौली शाला के चार कमरे क्षतिग्रस्त है जिसमें एक की हालत दयनीय होने से उसमे ताला लगा दिया गया है । और अन्य कमरों में आज भी विद्यार्थी बैठते है । जिनकों हमेशा अप्रिय घटना का डर बना रहता है ।
पीने के पानी की समस्या के साथ सफाई व्यवस्था की कमी
विद्यालय की बडी टंकी क्षतिग्रस्त हो जाने की वजह से इसके स्थान पर छोटी प्लास्टिक की टंकी परिसर में रखवाई गई है । जिसे बार बार भरना पडता है। वही इसके चलते पानी पूरे परिसर में फैलने से बालकों के पैर और कपड़े भी खराब हो जाते है इसके अलावा सफाई का भी अभाव नजर आता है। एक ओर सरकार स्वच्छता पर काफी पैसा खर्च कर सफाई पर ध्यान देती है । वही कई विद्यलयों में सफाई नाम की होती है । कई शालाओं में शौचालयों की सफाई भी पखवाड़े या एक माह में होने से दुर्गंध आती है और इससे बीमारियों के फैलने का खतरा बना रहता है
विद्यालय में कई शिक्षकों के पद रिक्त
विद्यालय में कई शिक्षकों के पद रिक्त पडे हुए है ।प्रधानाचार्य संजय कुमार के अनुसार एक चतुर्थ श्रेणी,वरिष्ठ अध्यापक व एल टू गणित के रिक्त है।विद्यालय में आठ कमरों व तीन लैब की आवश्यकता है। इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी को भी पत्र तीन चार माह पहले लिखा गया लेकिन अब इंटरनेट के द्वारा ओन लाइन समस्या भेजते है इधर प्रधानाचार्य संजय कुमार का कहना है कि मेरे आने से पहले ही कमरे क्षतिग्रस्त थे। भामाशाहों का अभाव होने से भी किसी तरह की सहायता नहीं मिल पा रही है ग्राम पंचायत के द्वारा शौचालय बनाऐ तो गये है परन्तु वह भी अपूर्णता के चलते सुपुर्द अब नही किए गए है ।
वजीरपुर रिपोर्टर महेन्द्र शर्मा
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