मुंबई का कविराज परिवार जहां है प्रेम अपार
आज के ज़माने में जहां संयुक्त परिवार एक सपना सा रह गया है वहीं मुंबई के मालाड मे एक ऐसा परिवार भी है जो पिछले 3 पीढ़ियों से एवरशाइन नगर परिसर मे रहता है जिनका खाना एक ही जगह बनता है और सभी परिवार के सदस्य मिलकर साथ मे खाना खाते है इस परिवार मे 28 सदस्य है यह कविराज परिवार के नाम से जाना जाता है यह परिवार राम के मूलमंत्र में विश्वास रखने के साथ ही सामाजिक कार्यो मे अग्रणी रहता है इन चार भाइयों का यह संयुक्त परिवार अपने आप मे बेमिसाल है जिनकी मिशाल समाज देता है हाल ही में इसी परिवार की वयोवृद्ध ममता
की मूर्त जमना देवी दाऊदयाल पुरोहित जी का 87 साल की आयु मे स्वर्गवास हो गया जो इस परिवार की आधार स्तंभ थी जमना देवी ने पांच लड़कों और चार ल़डकियों को जन्म दिया था जिनमे एक बड़े लड़के जुगल किशोर का देहांत उनके पिता के जीवनकाल मे ही हो गया था स्वर्गीय जुगल किशोर के परिवार के साथ ही अन्य भाई जिनमे नंदकिशोर, कमल किशोर, राम किशोर, वह मुकेश सभी के परिवार अलग अलग फ्लेट मे रहते हुए भी उनका खाना एक साथ बनता हैं और सभी सदस्य एक साथ बैठकर भोजन और ऐसे जीवन का आनंद लेते हैं उनकी बेटियों मे गायत्री, उषा, लीला, और तारा भी संयुक्त परिवार की हिस्सा है बड़े भाई रामकिशोर जी का कहना है कि संयुक्त परिवार भरोसे
पर चलता है और कोई किसी प्रकार अपने को बड़ा साबित नहीं करता जिससे आपसी प्रेम बना रहता है वही छोटे भाई मुकेश जी का कहना है कि एक से अधिक भाइयों के संयुक्त परिवार मे मतभेद तब उत्पन्न होते हैं जब एक भाई की आय दूसरे भाई से ज्यादा हो और वो अपने आप को बड़ा समझने लगे लेकिन उनके परिवार मे ऐसा नहीं है सभी भाई अपने माता पिता और बड़े भाई के दिए हुए संस्कार के अनुसार एक दूसरे की मदद को हमेशा तत्पर रहते हैं जिनसे उनमे कभी वाद विवाद या झगड़ा नहीं होता उनका कहना है कि श्री राम हमेशा उन पर इसी तरह प्रसन्न रहे और उनके परिवार को कभी किसी की नजर ना लगे हालांकि माताजी के जाने का ग़म उस परिवार को ही नहीं अपितु जो भी उनके जीवनकाल मे उनसे एक वार भी मिला उन सभी को है सभी भाइयों का कहना है कि माताजी के जाने के बाद भी उनकी परम्परा वह संस्कारों को वे आगे भी जारी रखेंगे और उनके जीवन मंत्र को हमेशा मानेंगे माताजी ने हमेशा अपने सभी बच्चों को एक ही मुलमंत्र दिया था उनके अनुसार अगर किसी भी परिवार के सभी सदस्य एक साथ रहते हैं तो किसी ना किसी सदस्य का नसीब कब काम कर जाता है और परिवार उन्नती की और अग्रसर हो जाता है इसी मंत्र को मानते हुए आज इस परिवार का अपना उच्च सामाजिक स्थान है
विजय व्यास न्यूज 99 उप सम्पादक
आज के ज़माने में जहां संयुक्त परिवार एक सपना सा रह गया है वहीं मुंबई के मालाड मे एक ऐसा परिवार भी है जो पिछले 3 पीढ़ियों से एवरशाइन नगर परिसर मे रहता है जिनका खाना एक ही जगह बनता है और सभी परिवार के सदस्य मिलकर साथ मे खाना खाते है इस परिवार मे 28 सदस्य है यह कविराज परिवार के नाम से जाना जाता है यह परिवार राम के मूलमंत्र में विश्वास रखने के साथ ही सामाजिक कार्यो मे अग्रणी रहता है इन चार भाइयों का यह संयुक्त परिवार अपने आप मे बेमिसाल है जिनकी मिशाल समाज देता है हाल ही में इसी परिवार की वयोवृद्ध ममता
की मूर्त जमना देवी दाऊदयाल पुरोहित जी का 87 साल की आयु मे स्वर्गवास हो गया जो इस परिवार की आधार स्तंभ थी जमना देवी ने पांच लड़कों और चार ल़डकियों को जन्म दिया था जिनमे एक बड़े लड़के जुगल किशोर का देहांत उनके पिता के जीवनकाल मे ही हो गया था स्वर्गीय जुगल किशोर के परिवार के साथ ही अन्य भाई जिनमे नंदकिशोर, कमल किशोर, राम किशोर, वह मुकेश सभी के परिवार अलग अलग फ्लेट मे रहते हुए भी उनका खाना एक साथ बनता हैं और सभी सदस्य एक साथ बैठकर भोजन और ऐसे जीवन का आनंद लेते हैं उनकी बेटियों मे गायत्री, उषा, लीला, और तारा भी संयुक्त परिवार की हिस्सा है बड़े भाई रामकिशोर जी का कहना है कि संयुक्त परिवार भरोसे
पर चलता है और कोई किसी प्रकार अपने को बड़ा साबित नहीं करता जिससे आपसी प्रेम बना रहता है वही छोटे भाई मुकेश जी का कहना है कि एक से अधिक भाइयों के संयुक्त परिवार मे मतभेद तब उत्पन्न होते हैं जब एक भाई की आय दूसरे भाई से ज्यादा हो और वो अपने आप को बड़ा समझने लगे लेकिन उनके परिवार मे ऐसा नहीं है सभी भाई अपने माता पिता और बड़े भाई के दिए हुए संस्कार के अनुसार एक दूसरे की मदद को हमेशा तत्पर रहते हैं जिनसे उनमे कभी वाद विवाद या झगड़ा नहीं होता उनका कहना है कि श्री राम हमेशा उन पर इसी तरह प्रसन्न रहे और उनके परिवार को कभी किसी की नजर ना लगे हालांकि माताजी के जाने का ग़म उस परिवार को ही नहीं अपितु जो भी उनके जीवनकाल मे उनसे एक वार भी मिला उन सभी को है सभी भाइयों का कहना है कि माताजी के जाने के बाद भी उनकी परम्परा वह संस्कारों को वे आगे भी जारी रखेंगे और उनके जीवन मंत्र को हमेशा मानेंगे माताजी ने हमेशा अपने सभी बच्चों को एक ही मुलमंत्र दिया था उनके अनुसार अगर किसी भी परिवार के सभी सदस्य एक साथ रहते हैं तो किसी ना किसी सदस्य का नसीब कब काम कर जाता है और परिवार उन्नती की और अग्रसर हो जाता है इसी मंत्र को मानते हुए आज इस परिवार का अपना उच्च सामाजिक स्थान है
विजय व्यास न्यूज 99 उप सम्पादक
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