कोरोना कहर से पत्रकार की मौत होने पर परिजनों को एक करोड़ रुपये आर्थिक सहायता देने की डॉ सैयद मोईनुल हक की मुख्यमंत्री से मांग, चौथे स्तंभ की भूमिका भी महत्वपूर्ण
जोधपुर। पूरे देश में कोरोना का कहर चालू है चाहे वो पुलिस प्रशासन हो डॉक्टर हो या फिर मंत्री कोई उससे अछूता नहीं है। तो फिर पत्रकार भी उन्हीं सब की तरह इंसान है जो ना रात देखता है और ना दिन उसे तो बस हर एक की फ़िक्र लगी रहती हैं। वो अपनी जान को जोखिम में डालकर दुनिया को सच का आईना दिखाना चाहता है। लेकिन खुद अपने और अपने परिवार को भूल जाता है। इसी को मुद्दे नजर रखते हुए भारतीय पत्रकार महासंघ (रजि.) के राष्ट्रीय महासचिव डॉ सैयद मोईनुल हक ने पत्रकारों की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को मेल करके मांग की है की कोरोना वायरस से अगर पत्रकार की मौत हो जाती है। तो उनके परिजनों को एक करोड़ रुपये राशी का मुआवजा दिया जाय । इसके अलावा भारतीय
पत्रकार महासंघ (रजि.) के उपाध्यक्ष हसन परवेज सैयद ने प्रधानमंत्री , मुख्यमंत्री, आज तक न्यूज़, ए.बी.पी न्यूज़, जी न्यूज़, बीबीसी ब्रेकिंग को अपने ट्विटर हैंडल के जरिए जानकारी दी वहीं महासचिव डॉ सैयद मोईनुल हक ने मुख्यमंत्री को प्रेषित पत्र में कहा की हम मानते है की डॉक्टर, मेडिकल स्टाफ, पुलिस, प्रशासन और सफाई कर्मचारी कोरोना के खिलाफ जंग में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। लेकिन इस जंग में पत्रकारों की भूमिका और सेवा को भी नकारा नही जा सकता। पत्रकारों ने भी अपनी जान जोखिम में डालकर महत्वपूर्ण जानकारियां जनता और प्रशासन को मुहैया करवाई है। जिसको किसी भी नजरिए से कम नहीं
आंका जा सकता। पत्रकारों के अलावा सभी लोगों को सरकार की ओर से नियमित वेतन मिलता है। साथ ही सरकार ने उन्हें मुआवजा देने की घोषणा भी करती है। उन्होंने अपने पत्र में लिखा की वास्तव में पत्रकार भी इस जंग में एक साइलेंट वारियर यानी की मौन योद्धा की तरह मुस्तैदी से जंग को जिताने में उतना ही मददगार बना हुआ है। जबकि पत्रकार की आर्थिक, राजनैतिक, सामाजिक या किसी भी प्रकार की कोई सुरक्षा नहीं है। पत्रकार को कहीं से भी कोई आर्थिक सहायता नहीं मिल रही है। हालांकि पत्रकार इस लड़ाई में बिना किसी आर्थिक उम्मीद के जनता और प्रशासन
के बीच कड़ी का काम कर रहा है। और करता रहेगा। लेकिन राज्य सरकार ने जब राज्य कर्मचारियों के लिए मुआवजे की घोषणा की उसका हम स्वागत करते है। जब *न्यूज़ 99 के उपसंपादक विजय व्यास* ने भारतीय पत्रकार महासंघ (रजि.) के राष्ट्रीय महासचिव डॉ सैयद मोईनुल हक से फोन पर बात की तो उन्होंने कहा की सरकार को पत्रकारों के लिए भी इसी तरह की घोषणा करके उनके परिजनों को राहत देनी चाहिए। और पत्रकारों के बारे में भी सोचना चाहिए महासंघ के राष्ट्रीय महासचिव हक़ ने कहा कि पत्रकारों की भूमिका और उनकी सेवा को भी किसी नजरिये से कम नहीं आंका जा सकता है। पत्रकारों की सही, सच्ची, और महत्वपूर्ण सूचनाओ से महामारी के खिलाफ जंग जितने में एक काफी मदद मिल रही है। पत्रकार सरकार, शासन, प्रशासन और आम जनता के बीच कड़ी के रूप में अपनी महत्वूर्ण भूमिका निभा कर सच का आईना दिखा रहे हैं।
विजय व्यास न्यूज़ 99 उपसंपादक
जोधपुर। पूरे देश में कोरोना का कहर चालू है चाहे वो पुलिस प्रशासन हो डॉक्टर हो या फिर मंत्री कोई उससे अछूता नहीं है। तो फिर पत्रकार भी उन्हीं सब की तरह इंसान है जो ना रात देखता है और ना दिन उसे तो बस हर एक की फ़िक्र लगी रहती हैं। वो अपनी जान को जोखिम में डालकर दुनिया को सच का आईना दिखाना चाहता है। लेकिन खुद अपने और अपने परिवार को भूल जाता है। इसी को मुद्दे नजर रखते हुए भारतीय पत्रकार महासंघ (रजि.) के राष्ट्रीय महासचिव डॉ सैयद मोईनुल हक ने पत्रकारों की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को मेल करके मांग की है की कोरोना वायरस से अगर पत्रकार की मौत हो जाती है। तो उनके परिजनों को एक करोड़ रुपये राशी का मुआवजा दिया जाय । इसके अलावा भारतीय
पत्रकार महासंघ (रजि.) के उपाध्यक्ष हसन परवेज सैयद ने प्रधानमंत्री , मुख्यमंत्री, आज तक न्यूज़, ए.बी.पी न्यूज़, जी न्यूज़, बीबीसी ब्रेकिंग को अपने ट्विटर हैंडल के जरिए जानकारी दी वहीं महासचिव डॉ सैयद मोईनुल हक ने मुख्यमंत्री को प्रेषित पत्र में कहा की हम मानते है की डॉक्टर, मेडिकल स्टाफ, पुलिस, प्रशासन और सफाई कर्मचारी कोरोना के खिलाफ जंग में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। लेकिन इस जंग में पत्रकारों की भूमिका और सेवा को भी नकारा नही जा सकता। पत्रकारों ने भी अपनी जान जोखिम में डालकर महत्वपूर्ण जानकारियां जनता और प्रशासन को मुहैया करवाई है। जिसको किसी भी नजरिए से कम नहीं
आंका जा सकता। पत्रकारों के अलावा सभी लोगों को सरकार की ओर से नियमित वेतन मिलता है। साथ ही सरकार ने उन्हें मुआवजा देने की घोषणा भी करती है। उन्होंने अपने पत्र में लिखा की वास्तव में पत्रकार भी इस जंग में एक साइलेंट वारियर यानी की मौन योद्धा की तरह मुस्तैदी से जंग को जिताने में उतना ही मददगार बना हुआ है। जबकि पत्रकार की आर्थिक, राजनैतिक, सामाजिक या किसी भी प्रकार की कोई सुरक्षा नहीं है। पत्रकार को कहीं से भी कोई आर्थिक सहायता नहीं मिल रही है। हालांकि पत्रकार इस लड़ाई में बिना किसी आर्थिक उम्मीद के जनता और प्रशासन
के बीच कड़ी का काम कर रहा है। और करता रहेगा। लेकिन राज्य सरकार ने जब राज्य कर्मचारियों के लिए मुआवजे की घोषणा की उसका हम स्वागत करते है। जब *न्यूज़ 99 के उपसंपादक विजय व्यास* ने भारतीय पत्रकार महासंघ (रजि.) के राष्ट्रीय महासचिव डॉ सैयद मोईनुल हक से फोन पर बात की तो उन्होंने कहा की सरकार को पत्रकारों के लिए भी इसी तरह की घोषणा करके उनके परिजनों को राहत देनी चाहिए। और पत्रकारों के बारे में भी सोचना चाहिए महासंघ के राष्ट्रीय महासचिव हक़ ने कहा कि पत्रकारों की भूमिका और उनकी सेवा को भी किसी नजरिये से कम नहीं आंका जा सकता है। पत्रकारों की सही, सच्ची, और महत्वपूर्ण सूचनाओ से महामारी के खिलाफ जंग जितने में एक काफी मदद मिल रही है। पत्रकार सरकार, शासन, प्रशासन और आम जनता के बीच कड़ी के रूप में अपनी महत्वूर्ण भूमिका निभा कर सच का आईना दिखा रहे हैं।
विजय व्यास न्यूज़ 99 उपसंपादक
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