जोधपुर के केवल कोठारी ने किया कमाल, जोधपुर वासियों को सिखाया कचरे से सोना बनाना
जी हां आपने ठीक सुना कचरे से सोना बनाना सीखे जोधपुर के केवल कोठारी को यह विचार आज से 21 साल पहले 1999 में आया जब वो बचपन मे अपने गांव में बेकार पड़ी दवाइयों को देखा करते थे तब उन्होंने सोचा की इन दवाइयों को क्यों ना जरूरतमंद और गरीब परिवारों को बाटा जाए बस तभी से उन्होंने यह बात अपने मन में ठान ली और उन्होंने आस पड़ोस और गांव से वो दवाइयां इकठ्ठा करनी शुरू की जो नॉर्मली गरीबों के काम आ सकती थी उसके बाद उनका उत्साह बढ़ता गया और इस नेक कार्य में कई लोग उनके साथ जुड़ते गए इसके बाद तो उन्होंने पुराने कपडे, जूते, किताबे,
मटकियां, पुरानी साइकल, रेडियो, कंप्यूटर, टीवी, बर्तन, मशीनें, अपने सहयोगियों के साथ मिलकर शहर से इकट्ठा करना चालू किया और उसे उपयोगी बनाकर जरूरतमंद लोगो में बांटना शुरू किया लोगो से ली गई पुरानी चीजो को ठीक कर उन्हें उपयोग में लाएं जाने लायक बनाने को उन्होंने नाम दिया *कचरे से सोना बनाना* इसी प्रकार उनके दिमाग में और नए विचार आते गए जैसे की मंदिरों में भगवान को चढ़ने वाले गुलाब के फूलों से गुलकंद बनाकर वापिस भक्तो को प्रसाद रूप में बांटना, पुरानी मटकी में छेद करके पेड पोधो के पास रखना जिससे उनको पानी मिलता रहे, शिव मंदिर से दूध इकठ्ठा करके जरूरतमंद भूखे जानवरो को पिलाना, लोगों के घर से बची हुई रोटियां इकठ्ठा करके जानवरो को खिलाना,
चाय बनने के बाद बची हुई चाय पती से खाद बनाने में काम लेना, इससे चाय पती यहां वहां फैकने जो मच्छर का प्रकोप होता है उससे भी बचाव किया जा सकता है फलो के मौसम में आम और तरबूज का जो वेस्टेज होता है उसको वहा से लेकर गायो के भोजन की व्यवस्था करना, ताकि कई हजार गायो को भरपेट भोजन मिल सके इसके अलावा होली के समय फूलों से होली खेलने के बाद उसी फूलों से स्वदेशी गुलाल बनाना, इसके अलावा दर्जीयो के पास कटे और बचे हुए वेस्टेज कपड़ों से गरीबों के लिए रजाई कम्बल आदि बनाना, इसके अलावा विद्यालयों में अभिभावकों की रजामंदी से बच्चे
बिना काम की पुस्तकें, रबर, पेंसिल,आदि दान दे ताकि वो ऐसे गरीब बच्चो के काम आ सके जिनको इनकी वास्तव में जरूरत है यह सब करने का उनका उद्देश्य यहीं है की गरीब और भूखे लोगो को खाना मिले, गरीब बच्चो को मदद मिले,जानवरो को खाना मिले, पुरानी चीजे ठीक करने वालो को रोजगार मिले, और कूड़े से रिसाइकिल करने से मच्छरों में कमी आये, जोधपुर में कोठारी जी की इस पहल को लगभग 21 साल हो चुके हैं और कई लोग इनके साथ जुड़कर पुण्य और देशहित का कार्य कर रहे हैं इसके अलावा जोधपुर में इनके कई सेंटर भी खुल चुके है जहा पर पुरानी वस्तुएं दी और ठीक की हुई वस्तु वापिस ली जा सकती हैं इसके अलावा इन सभी के सहयोग से पूरे साल भंडारे की व्यवस्था भी की जाती है ताकि गरीब लोगो को भूखा ना सोना पड़े, हाल ही में
कोरोना वायरस की महामारी के चलते इनकी टीम पूरे जोधपुर में खाने पीने की व्यवस्था उनके एरिया में जाकर कर रही है जब न्यूज़ 99 के विजय व्यास ने एक जर्नलिस्ट ग्रुप में जोधपुर के एक एरिया में भूखे लोगो की जानकारी उनके सहयोगी राजू जी व्यास को दी जो खुद एक समाजसेवी है तो उन्होंने केवल कोठारी से फोन पर बात करके इसकी जानकारी उन्हें दी तो उन्होंने तुरंत अपनी टीम को भेजकर खाने पीने की व्यवस्था उस एरिया में करवाई इसके अलावा उन्होंने न्यूज़ 99 के माध्यम से कहा की अगर किसी को कचरे से सोना बनाने वाले उनके आइडिया में रुचि है तो वो उन्हें 9414131279 पर कॉल करके सुझाव मांग सकते है उनका सपना है की अगर इसे पूरे देश में लोग करे तो बिना पैसा लगाएं अपनी बेकार पुरानी चीजो से किसी की मदद और पुण्य कमाया जा सकता है उनके इन सराहनीय कार्यों को जोधपुर नगर निगम द्वारा भी सराहा गया और उन्हें जोधपुर महापौर घनश्याम जी ओझा द्वारा प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया
विजय व्यास न्यूज़ 99 उपसंपादक
जी हां आपने ठीक सुना कचरे से सोना बनाना सीखे जोधपुर के केवल कोठारी को यह विचार आज से 21 साल पहले 1999 में आया जब वो बचपन मे अपने गांव में बेकार पड़ी दवाइयों को देखा करते थे तब उन्होंने सोचा की इन दवाइयों को क्यों ना जरूरतमंद और गरीब परिवारों को बाटा जाए बस तभी से उन्होंने यह बात अपने मन में ठान ली और उन्होंने आस पड़ोस और गांव से वो दवाइयां इकठ्ठा करनी शुरू की जो नॉर्मली गरीबों के काम आ सकती थी उसके बाद उनका उत्साह बढ़ता गया और इस नेक कार्य में कई लोग उनके साथ जुड़ते गए इसके बाद तो उन्होंने पुराने कपडे, जूते, किताबे,
मटकियां, पुरानी साइकल, रेडियो, कंप्यूटर, टीवी, बर्तन, मशीनें, अपने सहयोगियों के साथ मिलकर शहर से इकट्ठा करना चालू किया और उसे उपयोगी बनाकर जरूरतमंद लोगो में बांटना शुरू किया लोगो से ली गई पुरानी चीजो को ठीक कर उन्हें उपयोग में लाएं जाने लायक बनाने को उन्होंने नाम दिया *कचरे से सोना बनाना* इसी प्रकार उनके दिमाग में और नए विचार आते गए जैसे की मंदिरों में भगवान को चढ़ने वाले गुलाब के फूलों से गुलकंद बनाकर वापिस भक्तो को प्रसाद रूप में बांटना, पुरानी मटकी में छेद करके पेड पोधो के पास रखना जिससे उनको पानी मिलता रहे, शिव मंदिर से दूध इकठ्ठा करके जरूरतमंद भूखे जानवरो को पिलाना, लोगों के घर से बची हुई रोटियां इकठ्ठा करके जानवरो को खिलाना,
चाय बनने के बाद बची हुई चाय पती से खाद बनाने में काम लेना, इससे चाय पती यहां वहां फैकने जो मच्छर का प्रकोप होता है उससे भी बचाव किया जा सकता है फलो के मौसम में आम और तरबूज का जो वेस्टेज होता है उसको वहा से लेकर गायो के भोजन की व्यवस्था करना, ताकि कई हजार गायो को भरपेट भोजन मिल सके इसके अलावा होली के समय फूलों से होली खेलने के बाद उसी फूलों से स्वदेशी गुलाल बनाना, इसके अलावा दर्जीयो के पास कटे और बचे हुए वेस्टेज कपड़ों से गरीबों के लिए रजाई कम्बल आदि बनाना, इसके अलावा विद्यालयों में अभिभावकों की रजामंदी से बच्चे
बिना काम की पुस्तकें, रबर, पेंसिल,आदि दान दे ताकि वो ऐसे गरीब बच्चो के काम आ सके जिनको इनकी वास्तव में जरूरत है यह सब करने का उनका उद्देश्य यहीं है की गरीब और भूखे लोगो को खाना मिले, गरीब बच्चो को मदद मिले,जानवरो को खाना मिले, पुरानी चीजे ठीक करने वालो को रोजगार मिले, और कूड़े से रिसाइकिल करने से मच्छरों में कमी आये, जोधपुर में कोठारी जी की इस पहल को लगभग 21 साल हो चुके हैं और कई लोग इनके साथ जुड़कर पुण्य और देशहित का कार्य कर रहे हैं इसके अलावा जोधपुर में इनके कई सेंटर भी खुल चुके है जहा पर पुरानी वस्तुएं दी और ठीक की हुई वस्तु वापिस ली जा सकती हैं इसके अलावा इन सभी के सहयोग से पूरे साल भंडारे की व्यवस्था भी की जाती है ताकि गरीब लोगो को भूखा ना सोना पड़े, हाल ही में
कोरोना वायरस की महामारी के चलते इनकी टीम पूरे जोधपुर में खाने पीने की व्यवस्था उनके एरिया में जाकर कर रही है जब न्यूज़ 99 के विजय व्यास ने एक जर्नलिस्ट ग्रुप में जोधपुर के एक एरिया में भूखे लोगो की जानकारी उनके सहयोगी राजू जी व्यास को दी जो खुद एक समाजसेवी है तो उन्होंने केवल कोठारी से फोन पर बात करके इसकी जानकारी उन्हें दी तो उन्होंने तुरंत अपनी टीम को भेजकर खाने पीने की व्यवस्था उस एरिया में करवाई इसके अलावा उन्होंने न्यूज़ 99 के माध्यम से कहा की अगर किसी को कचरे से सोना बनाने वाले उनके आइडिया में रुचि है तो वो उन्हें 9414131279 पर कॉल करके सुझाव मांग सकते है उनका सपना है की अगर इसे पूरे देश में लोग करे तो बिना पैसा लगाएं अपनी बेकार पुरानी चीजो से किसी की मदद और पुण्य कमाया जा सकता है उनके इन सराहनीय कार्यों को जोधपुर नगर निगम द्वारा भी सराहा गया और उन्हें जोधपुर महापौर घनश्याम जी ओझा द्वारा प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया
विजय व्यास न्यूज़ 99 उपसंपादक
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