मीरा भाईंदर पश्चिम पुलिस चौकी के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक श्री चंद्रकांत जाधव और पत्रकारों ने बेजुबान जानवर के बच्चों की जान बचाने के लिए दिखाई तत्परता
वैसे तो देश भर के कई समाचार पत्रों और टीवी के माध्यम से हमें देखने और सुनने को मिलता है की किसी अप्रिय घटना के घटित हो जाने के कई घंटो बाद पुलिस वहा उपस्थित होती है लेकिन तब तक जान माल का नुकसान हो जाता है वैसे तो यह मामला एक बेजुबान प्राणी से जुडा है जिसका ना तो कोई पहचान है और ना ही वो किसी को बोलकर अपनी पीड़ा को बता सकता है लेकिन मुंबई से सटे मीरा भाईंदर पश्चिम पुलिस चौकी के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक श्री चंद्रकांत जी जाधव साहेब ने बेजुबान बिल्ली के तीन बच्चों को बचाने के लिए तुरन्त तत्परता दिखाई और अपने पुलिस कर्मियों को वहा भेज कर छोटे छोटे तीन बच्चों को भूख और डर से मरने से पहले बचा लिया यह घटना भाईंदर पश्चिम स्थित नारायण नगर रोड पर चित्रकूट हाउसिंग सोसायटी नामक इमारत में
नाकोड़ा ड्रायफ्रूट दुकान की है जहाँ हाल ही में कुछ दिनों पहले बिल्ली ने तीन बच्चो को जन्म दिया था और 18 नवम्बर को उस दुकान का मालिक किसी काम की वजह से अपने गांव चला गया और जाने अनजाने मे बच्चे दुकान के अंदर ही रह गये ओर उसकी माँ बाहर रह गई लगातार चार दिन से माँ और बच्चे आपस मे मिल नहीं पा रहे थे बच्चों का भूख और डर के मारे बुरा हाल था और माँ को अपनी ममता नही मिलने से परेशान थी इस वजह से माँ बच्चो के पास नहीं जा पा रही थी और वो लगातार चिल्ला रही थी वहा दुकान पर बाहर से ताला बंद होने की वजह से लोग भी कुछ कर नहीं पा रहे थे लेकिन समाजसेवी और पत्रकार रविंद्र जैन को जैसे ही यह आज पता लगा उन्होंने इस मामले का मैसेज बनाकर मीरा भाईंदर के कई ग्रुप मे प्रेषित किया जिसमे न्यूज़ 99 ग्रुप मे मीरा भाईंदर गौरव ने मामला तुरंत संज्ञान मे लिया और भाईंदर पश्चिम पुलिस चौकी के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक श्री चंद्रकांत जी जाधव
साहेब को फोन करके इसकी जानकारी दीं उन्होंने तुरन्त पुलिस कर्मियों को भेज कर मदद करने को कहा पुलिस प्रसासन ने दुकान मालिक से बात करके नई चाबी बनवाकर ताला खुलवाया गया और माँ और बच्चो को मिलवाने और उनकी जान बचाकर बहुत ही नेक कार्य किया इस नेक कार्य करने में भाईंदर पश्चिम पुलिस चौकी के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक श्री चंद्रकांत जी जाधव साहेब की तत्परता से जिन्होंने छुट्टी पर होने के बावजूद भी तीन बेजुबान बिल्ली के बच्चों की जान बचाई वैसे जान तो जान ही होती है चाहे बेजुबान की हो या जुबान वाले की इसमें पत्रकार रविंद्र जैन और मीरा भाईंदर गौरव की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही जिन्होंने अपनी इंसानियत का परिचय दिया हमें ऐसे पुलिसकर्मियों और पत्रकारों पर नाज़ है
विजय व्यास न्यूज़ 99 उपसंपादक
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